तेरे कदमों की अहाहट का मुझे इंतज़ार है,
कैसे कहु बाबा की तुमसे कितना प्यार है,
श्रदा सुमन से अपना आंगन मैंने सजा दिया,
साथ में सबुरी का दीपक भी जला दिया,
तेरे चिमटे की खन खन का इंतज़ार है,
कैसे कहु बाबा की तुमसे कितना प्यार है
मुझे विश्वाश है मेरी सदा न जायेगी खाली,
तुम पधारो गए मेरे घर आएगी दिवाली,
तेरी चरण रज पाने का मुझे इंतज़ार है,
कैसे कहु बाबा की तुमसे कितना प्यार है