कारण तेरे कन्हैया बदनाम हो गए हम,
ब्रिज की गली गली में सरेआम हो गए हम,
कानो में गूंजे हर दम तेरी ही मीठी बाते,
कटती नहीं कन्हैया तन्हाई की राते,
समजा हु कैसे दिल नाकाम हो गए है,
ब्रिज की गली गली में सरेआम हो गए हम,
जबसे गाये हो छलिया घुट घुट के जी रहे है,
तेरे बिरहा विष को हास हास के पी रहे है,
रोने पे हसने वाले हर तमाम हो गए है,
ब्रिज की गली गली में सरेआम हो गए हम,
नींदो में सोने वाले जलकी दिखा जा तेरी,
आके जारा देख ले हालत क्या है रे मेरी,
बरबरद तेरे पीछे मेरे श्याम हो गए है,
ब्रिज की गली गली में सरेआम हो गए हम,