नाव फँसी मंझधार में तू ही लगादे पार
छोड़ के सब संसार मैं आया तेरे द्वार
श्याम बाबा मेरी नैया को किनारा दे दे
जबसे हारा बेसहारा हूँ सहारा देदे
श्याम बाबा मेरी नैया को .............
भक्तों पे सांवरे उपकार भी देखे हमने
कारगर बन गए बेकार भी देखे हमने
जिसके भी ऊपर दया दृष्टि तुम्हारी होती
उसके आँगन में बिखरते हैं कृपा के मोती
मेरे नैनो को भी दर्शन का नज़ारा देदे
जबसे हारा बेसहारा हूँ सहारा देदे
दर्दे दिल की मेरी थोड़ी सी कहानी सुनलो
भंवर में नैया बड़ा गहरा है पानी सुनलो
इस भंवर जाल से अब तुम ही निकालो मुझको
मैं शरण आया मेरे बाबा सम्भालो मुझको
श्याम उपहार ये तू मुझको भी प्यारा देदे
जबसे हारा बेसहारा हूँ सहारा देदे
तुम अंधेरों को उजालो में बदल देते हो
कोई स्वारथ नहीं फल फिर भी सफल देते हो
कहता भप्पा ये मेरे बाबा कामना मेरी
दिल से कहता हूँ ज़रा समझो भावना मेरी
चमका तक़दीर का रज्जो को सितारा देदे
जबसे हारा बेसहारा हूँ सहारा देदे
श्याम बाबा मेरी नैया को .............