भेज दे बुलाया मैया ओ शेरोवाली,
करदे मेहर मैया ओ मेहरो वाली,
तेरे दर पे आने को जी चाहता है,
झलक एक पाने को जी चाहता है,
याद आ रहा है तेरा भूमि का मंदिर,
संग खेली श्री धर के तू जहां कन्या बन कर,
वहा फिर से जाने को जी चाहता है,
तेरे दर पे आने को जी चाहता है,
तेरा दर्षनी दरवाजा लागे बड़ा चंगा,
लेती हिलोरे मन में तेरी वान गंगा,
डुबकी लगाने को जे चाहता है,
तेरे दर पे आने को जी चाहता है,
आध कुवारी माँ की बड़ी याद आये,
गर्वजून को कोई कैसे भुलाये,
वहा से ना आने को जी चाहता है,
तेरे दर पे आने को जी चाहता है,
कैसे बताओ मैं ओ मैया तुझको,
चरण पादुका की पवन रज को,
माथे पे लगाने को जी चाहता है,
तेरे दर पे आने को जी चाहता है,
चन्दन सी महके तेरे भवन की माटी,
स्वर्ग से बड़के प्यारी है भरो घाटी,
वही घर बसाने को जी चाहता है,
तेरे दर पे आने को जी चाहता है,