मेरे मन मंदिर में माँ , सुबह शाम तुम्हें देखूं

मेरे मन मंदिर में माँ , सुबह शाम तुम्हें देखूं,
कण कण में देखूं, हर पल में तुम्हें देखूं,
मेरे मन मंदिर में माँ , सुबह शाम तुम्हें देखूं,

मेरे नेनो में बस जाओ मेरे मन में समां जाओ॥
मेरे रोम रोम माँ मैं सुबह शाम तुम्हे देखू

यह तन भी तुम्हारा है,मेरा मन भी तुम्हारा है,॥
हर कण कण में माँ ,सुबह शाम तुम्हे देखू,

यह रिश्ता पुराना है, कहीं टूट न जय माँ॥
दिल की हर धड़कन में, सुबह शाम तुम्हें देखूं,

मेरी यादों में बस जाओ, मेरे प्राणों में रम जाओ॥
मेरे स्वास स्वास में माँ, सुबह शाम तुम्हें देखूं,

मेरे मन मंदिर में माँ, सुबह शाम तुम्हें देखूं॥
कण कण मेंग देखूं, हर पल में तुम्हें देखूं,
मेरे मन मंदिर में माँ, सुबह शाम तुम्हें देखूं॥
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