माँ मैं तेरी कठपुलती तेरा हुकम भजाउ गी,
तू डोर हिलाना मावड़ी मैं नाच दिखाऊ गी,
मेरा वजूद कुछ नहीं मैं जड़ हु मावड़ी,
माँ तेरे इक इशारे पे चेतन हो जाऊगी,
तू डोर हिलाना मावड़ी मैं नाच दिखाऊ गी,
मेरी नकेल तो तेरे हाथो में है मइयां,
तू चाहे जिधर घुमाले मैं घूम जाऊगी ,
तू डोर हिलाना मावड़ी मैं नाच दिखाऊ गी,
तेरे हर्ष को दरबार में जितना नचा लेना,
दुनिया में नहीं नचाना,मैं थिरक न पाउगी
तू डोर हिलाना मावड़ी मैं नाच दिखाऊ गी,