जहा तक जाये मेरी नजर मुझे तू ही तू आये नजर,
मेरी गिरधर मेरी गिरधर
लाज प्रभु हाथ है तेरे भजन के स्वर हो मुख मेरे,
गीत गाती राहु जीवन भर मुझे तुहि तू आये नजर,
जहा तक जाये मेरी नजर मुझे तू ही तू आये नजर,
बसी रहे मन में लगन तेरी,
किरपा वरसे गुरुवार तेरी,
सुनु नित गीता जी के स्वर,
मुझे तू ही तू आये नजर
जहा तक जाये मेरी नजर मुझे तू ही तू आये नजर,
आस करो पूरी बनवारी,
बसे मन में श्यामा प्यारी,
रहे न फिर मृतयु का डर,
मुझे तू ही तू आये नजर
जहा तक जाये मेरी नजर मुझे तू ही तू आये नजर,