मेरी श्याम ने पकड़ी बाँह,
हो गई बल्ले बल्ले मुझे मिली प्यार की छा,
हो गई बल्ले बल्ले,
स्वर्ग से सूंदर बाबा तेरा दरबार है,
दीनो की खातिर रहता सदा तू त्यार है,
तेरी किरपा हुई अपार हो गई बल्ले बल्ले,
मेरी श्याम ने पकड़ी बाँह..........
तेरे सिवा न दर दूजा मैं जानता तू जो न होता मुझे कौन पहचान ता,
अब बची नहीं कोई चा हो गई बल्ले बल्ले,
मेरी श्याम ने पकड़ी बाँह
फिर ता रहता था हर्ष मैं तो मारा मारा गेरो से जयदा बाबा अपनों से हारा,
अब नहीं कोई परवाह हो गई बल्ले बल्ले,
मेरी श्याम ने पकड़ी बाँह