(तर्ज: श्याम धणी आने में.....)
कृपा की तेरी बाबा कोई पार ना पायेगा ,
उलझन तू ना मेट सका तो कौन मिटाएगा,
होश में आके बाबा तुमको ही जाना ,
मात पिता हमने तुमको ही माना ,
तेरे भरोसे छोड़ा , सब तुहीं चलाएगा ,
उलझन तू ना मेट .....
गर तू ना होता बाबा किसको सुनाते ,
दर्द भरा था दिल में किसको दिखाते ,
हमको था विश्वास नांव , मेरी पार लगाएगा ,
उलझन तू ना मेट .....
ज़माना हसेगा बाबा गर तू खफ़ा है ,
तेरा सर पे हाथ है तो बेशक नफ़ा है ,
ना भटकूं मैं रस्ता ऐसी , राह दिखायेगा ,
उलझन तू ना मेट .....
तेरे सिवा बाबा कौन हमारा ,
तेरी कृपा से तेरे बच्चों का गुज़ारा ,
'प्रियंका' की बिगड़ी बाबा , तूं ही बनाएगा ,
उलझन तू ना मेट .....