साई तेरी रेहमत से हम गमो को क्या जाने,
तेरा नाम लेते है हम है तेरे दीवाने,
साई तेरी रेहमत से...
हमको तो बस आता है तेरे इश्क़ में मिटना,
तू हमारी समां है हम है तेरे परवाने,
साई तेरी रेहमत से ......
तू कही पे इंसा है और कही खुदा है तू,
रूप तेरे है कितने अकाल वाले क्या जाने,
साई तेरी रेहमत से ........
अब तो बस आकाश देवा एहि जाता फिरता है,
अपनी किरपा कर दी है मुझपे साई बाबा में,
साई तेरी रेहमत से .........