मेरे घर में साईं आया ये कर्म नही तो क्या है,
निर्धन ने धन कमाया ये कर्म नही तो काया है,
मेरी ज़िन्दगी का मकसद तेरे दर की हजारी है,
मेरे घर को घर बनाया ये कर्म नही तो क्या है,
दुःख दर्द अपने लेके मैं कहा कहा न भटका,
मुझे साईं ने बचिया ये कर्म नही तो क्या है,
मेरी मुश्किलें टली है मेरे मसले हल हुए है,
तेरा ध्यान जब लगाया ये कर्म नही तो क्या है.
मथुरा में तुज्को पाया कासी में तुज्को पाया,
मुझे तुही पसंद आया ये कर्म नही तो क्या है