चिंतन जो बाबा का करते है सुमिरन से,
साँवरा भक्तों की चिन्ता करता सदा,
मन में विष्वास हो और हो बन्दगी इनकी किरपा से खुशाल हो ज़िंदगी,
श्याम सखा बना जाता है प्रेम की राह दिखता है,
साँवरा भक्तों की चिन्ता करता सदा..
इनका आधार जिको वो क्यों डरे,
रहते श्याम प्रेमियों से संकट परे,
मोर छड़ी लहराता है बिगड़ी बात बनता है,
साँवरा भक्तों की चिन्ता करता सदा...
आया कलयुग में बाबा हमारा लिए,
इनके नाम के ही जलते घर में दीये,
चोखानी सेवा कर ले खुशियों से दामन भर ले,
साँवरा भक्तों की चिन्ता करता सदा