आज तो सखी म्हारी जाऊँ बलिहारा |टेर|
उत्तम भया आँगना पवित्र भई भावना |
राम रा भगत होय राम गुण ||1||
कथा कथने संत अर्थ विचारे |
खुद तरे रे वे तो औरन को तारे ||2||
कर रे दंडोवत गुरु रा चरण पखारु |
तन मन धन म्हारा गुरुसा पर वारु ||3||
केवे रविदास संतो भला ही पधारिया |
जनम जनम रा म्हारा दुखडा काटीया||4||