रंग भिरंगे रंगो की ये होली,
आई झूमती ग्वाल बाल की टोली,
हाथ लिए खटाल बोले मीठी बोली,
कोना कोना रंगो से रंगा नन्द गांव का,
क्या कहना जो भी देखे प्यारे घनश्याम का,
आये रंगो की बहार खेले है कृष्ण मुरारा,
संग में उसके राधा गोरी गोरी,
रंग भिरंगे रंगो की ये होली,
गोर मुखड़े गुलाभी नीले पीले हो गए,
मस्त नैनो के प्याले नशीले हो गये,
रंगो की बहार फूलो की फुहार,
काली कोयल जो भागो में बोली,
रंग भिरंगे रंगो की ये होली,
डर के मारे ना निकले है राधा घर से,
हर तरफ रंग ही रंग आज बरसे,
लिए हाथ में गुलाल बोले नन्द लाल,
रुक नहीं कहा भागे राधा गोरी,
रंग भिरंगे रंगो की ये होली,
मन ललचाया दर्शन को है शुभाष का,
रंग नीला ना नीला रहा आकाश का,
हे सँवारे सरकार आये है तुमपे प्यार,
मंद मंद मुश्कान मनमोली,
रंग भिरंगे रंगो की ये होली,