माई री मैं तो साई चरण की दासी,
साई धाम में जाके मितऊ मन की सभी उदासी,
माई री मैं तो साई चरण की दासी,
साई बाबा के दर्शन को अखियां जनम से प्यासी,
यहाँ मैं देखु साई मेरा साई है घट घट वासी,
माई रे मैं तो साई चरण की दासी,
मात पिता बंधू गुरु साई वे देवा अविनाशी,
साई में सारे तीरथ देखु उन्ही में बाबा काशी,
माई रे मैं तो साई चरण की दासी,
मैं तो रम गई साई भजन में सारी दुनिया हासी,
सद्गुरु साई दया करेंगे किरपा की मैं अविनाशी,
माई री मैं तो साई चरण की दासी