मेला साई का आया हमको बाबा ने भुलाया,
बिगड़े बन जाये गे सबके काम,
आओ मिल के चले साई बाबा के धाम,
आओ मिल के चले शिरडी वाले के धाम,
झूम के उठाये गे साई जी की पालकी,
चारो और बरसे गई बरखा गुलाल की,
जेक शिरडी नगरी हम खाली नहीं आएंगे,
रख लेंगे लाज साई अपने सवाल की,
गाते साई भजन होक धुन में मगन सबपे किरपा करे गे साई राम,
आओ मिल के चले साई बाबा ले धाम,
जिसने जो माँगा पाया साई के भंडार से खाली नहीं लोटा कोई बाबा ले द्वार से,
दानी है बाबा मेरे भोले जी के प्यारे है,
लाखो की बिगड़ी बानी साई जी के द्वार से,
स्वर्ग से है बलि मेरे साई की गली वह ऋषियों का है विश्राम,
आओ मिल के चले साई बाबा ले धाम,