मन फेरे साई दे मनके,
मैं साई दा जोगी बनके,
चला साई दे कॉल वे,
शिरडी आन तो पहला ढोलियाँ बंद करि न ढोल वे,
श्रद्धा सबुरी वाली माला जपता जावे मन मतवाला.
चढ़ गई साहनु नाम खुमारी पी लिया साई प्रेम प्याला,
आया खुशिया दा एह माहौल वे,
शिरडी आन तो पहला ढोलियाँ बंद करि न ढोल वे,
भंगड़े पाने आज रज वज के,
शिरडी जाना मैं सज धज के,
दीद साई दी करनी रज के केहनी दिल दी गल नच नच के,
ये घडी बड़ी अनमोल है शिरडी आन तो पहला ढोलियाँ बंद करि न ढोल वे,
चढ़ी कला तेरी रखे साई रिश्ते जोड़े पक्के साई,
रेहम नजर जदो सनी ते हॉवे तेरे वल सी तके साई,
ना होवा डावा डोल वे,
शिरडी आन तो पहला ढोलियाँ बंद करि न ढोल वे,