माँ यशोदा तेरा कान्हा ऐसा काम कर दिया,
मेरा खाना पीना सोना सब हराम कर दिया,
लाख समझाऊँ फिर भी वह माने नहीं,
गागर फोड़ डाले मेरा दर्द जाने नहीं,
सारे गोकुल में नाम बदनाम कर दिया ,
मेरा खाना पीना सोना सब हराम कर दिया,
माँ यशोदा है कैसा यह तेरा ललन,
ग्वाल बालों के संग बहका रहता मोहन,
गयी सुबह नहाने वह शाम कर दिया,
मेरा खाना पीना सोना सब हराम कर दिया,
छेड़े मुरली मधुर मारे नैनन से बान,
झूठी बतिया बनाये लिए मंद मुसकान,
जीवन मैंने भी अब उसके नाम कर दिया,
मेरा खाना पीना सोना सब हराम कर दिया,
आभार: लक्ष्मण सिंह
(रेनुसागर,सोनभद्र)