आपकी मैं क्या कहु खाटू वाले श्याम,
आप ही बनाते पल में मेरे हर काम,
दुनिया की ठोकरों में कब से था पड़ा,
मिला आप का सहारा हो गया खड़ा,
आप की मैं क्या कहु नीले वाले श्याम,
आप ही बनाते पल में मेरे हर काम,
खुश नसीब हु मैं मुझको आप जो मिले,
मेरे उजड़े गुलशन में फूल है खिले,
आप की मैं क्या कहु खाटू वाले श्याम,
आप ही बनाते पल में मेरे हर काम,
जो भी चाहा पाया वही तेरे दवारे है,
सब कुछ मिला मुझको तू जो मेरे साथ है,
आप की मैं क्या कहु मेरे बाबा श्याम,
आप ही बनाते पल में मेरे हर काम,
भूल जाना भूल मेरी दिल से तुम सभी,
भूल से भी भूलना न पना को कभी,
आप की मैं क्या कहु खाटू वाले श्याम,
आप ही बनाते पल में मेरे हर काम,