नाव भी तू मेरी तू ही मेरी पतवार भी है,
तू ही माझी है मेरा तू ही मझधार भी है,
क्यों फ़िक्र हो मुझे मेरी तू फ़िक्र करता है,
मेरी चिंता मेरी सारी बलाये हरता है,
तू ही रक्षक है मेरा तू ही पालनहार भी है,
तू ही माझी है मेरा तू ही मझधार भी है,
नाव भी तू मेरी तू ही मेरी पतवार भी है,
मुझे रिश्ते सभी तुझ में ही नजर आते है,
तुझमे माँ पिता बंधू सखा मिल जाते है,
साथ तू ही जगत में और जग के पार भी है,
तू ही माझी है मेरा तू ही मझधार भी है,
नाव भी तू मेरी तू ही मेरी पतवार भी है,
क्यों भला मैं डरु आती है मौत आ जाये,
छूट कर प्राण मेरे तुझमे मिल जाये,
तू ही श्रिस्ति का सिरजन तू ही संगार भी है,
तू ही माझी है मेरा तू ही मझधार भी है,
नाव भी तू मेरी तू ही मेरी पतवार भी है,
मुझे मालूम है कण कण में तू समाया है,
जीव नीर जीव में तेरी ही छाया है,
तुहि जीवन है तू ही ज़िंदगी का सार भी है,
तू ही माझी है मेरा तू ही मझधार भी है,
नाव भी तू मेरी तू ही मेरी पतवार भी है,