होली खेलोंगो मैं राधा तेरे संग
महीना आया फागुन का ……
एक साल में आती है फागुन की रुत मस्तानी
हस के होली खेल मेरे संग आजा राधा रानी
मारू पिचकारी …….हो …..
मारू पिचकारी कर दांग और तोको तंग
महीना आया फागुन का ……
होली खेलोंगो मैं राधा तेरे संग
महीना आया फागुन का ……
बच के न जावेगी राधा
मैं तोको समझौ
जीवन भर न छूटे
टोपे ऐसो रंग लागू
होली खेलन की ..हो ……..
होली खेलन की मेरे संग में उमंग
महीना आया फागुन का ……
होली खेलोंगो मैं राधा तेरे संग
महीना आया फागुन का ……
कब से लग रही आशा राधे
होली खेलु तोसे
धीरे धीरे रंग डारुंगो
मत घबरावे मोसे ….
तेरे नाज़ुक है ….
तेरे नाज़ुक और कोमल है सारे अंग
महीना आया फागुन का ……
होली खेलोंगो मैं राधा तेरे संग
महीना आया फागुन का ……
होली पर्व प्यार का राधे
रंग गुलाल उद्धव
आयी ऋतू बसंत राधिके
प्रेम से फ़ाग मानावे ….
देखे हर इन्दर हो …..
देखे हर इन्दर अकेला न्यारे ढंग
महीना आया फागुन का ……
होली खेलोंगो मैं राधा तेरे संग
महीना आया फागुन का ……
मैं तो जी भर के डारुंगो तोपे रंग
महीना आया फागुन का ……
होली खेलोंगो मैं राधा तेरे संग
महीना आया फागुन का ……
@ ललित गेरा (SLG Musician)