सुनले भजन मेरे भले सुर ताला हो न हो,
किसको खबर के कल तेरा ये लाल हो न हो,
तेरी किरपा से ही मुझे दरबार ये मिला,
मेरे नसीब से चला बरसो ये सिलसिला,
किस्मत मेरी ऐसी ही हर साल हो न हो,
किसको खबर के कल तेरा ये लाल हो न हो,
मन में उठे सवाल है कैसे दबाउ मैं,
दिल के मेरे जज्बात को गाके सुनाऊ में,
शयद ये दिल में फिर कोई सवाल हो न हो,
किसको खबर की कल तेरा ये लाल हो न हो,
मेरी तो है औकात क्या मुझसे बड़े बड़े,
गाते हुए भजन तेरा दुनिया से चल पड़े,
सोनू मेरा भी कल वही हाल हो न हो,
किसको खबर के कल तेरा ये लाल हो न हो,