मतलब की है दुनिया साऱी,
सच्ची श्याम तुम्हारी यारी,
अब तेरे सिवा मेरे बाबा के मेरा यहाँ कोई नहीं,
मेरे जीवन की अटकी है नैया पार करदो बन के खिवैया,
तुम ही पालक हो जग के रचिया थम लो श्याम मेरे कन्हैया,
ऐसी मुश्किल घड़ी मुझपर आई प्रीत अपनी हुई है पराई,
हर कदम मैंने ठोकर है खाई,
कोई अपना न देता दिखाई,
बाबा मैं हु एक दुखयारी मैं आई शरण तिहारी
अब तेरे सिवा मेरे बाबा के मेरा यहाँ कोई नहीं,
कब तक मैं चुप चाप राहु कब तक भोज गमो का साहू,
आता नहीं नजर कोई जिससे दिल की मैं बात कहु,
हारे के सहारे तुम हो तुम तीन बाण के धारी,
प्रेमी से प्रेम निभाते ओ नीले के असवारी,
उम्मीद लगाई है तुमसे इक आस लगाई है तुमसे,
अब तेरे सिवा मेरे बाबा की मेरा यहाँ कोई नहीं,
रूठे हमसे सारा ज़माना पर तुम न हमे ठुकरणा,
ये जीवन तुम को सौंप दिया मुझे अपना बनाये रखना,
मैं तेरे तू मेरा बाबा सरकार मेरे मेरे दाता एहसान मुझपे करना,
हर जन्म में निभाना साथ मेरा,
पीड़ा हर लो संकट हारी कुंदन के श्याम बिहार,
अब तेरे सिवा मेरे बाबा के मेरा यहाँ कोई नहीं,