साईं से जा के मांग ले सच्चा हजूर है,
खाली नही लौटाएगा किस्सा मशहुर है,
भूखा किसी को साईं रखता कभी नही,
माँगा है जिसने जो बी उस को मिला वही,
तु मांग के तो देख देता जरुर है
साईं से जाके मांग ले......
उजड़े को अपनी कमली में साईं छुपता है,
दुखिया के कष्ट हरने को दर पे भुलाता है,
तू भी तो जाके देख लो कैसा हजुर है,
साईं से जा के मांग ले.......
मैं भी तो तेरा दीप हु पानी भरा हुआ,
कर दो मुझे भी रोशन इतनी है बस दुआ,
तेरे नाम के साईं ये कैसा सरुर है,
साई से जा के मांग ले........