हम है भक्त बाबा के क्यों डरे ज़माने से,
वास्ता हमारा है शिरडी के घराने से,
हम है भक्त बाबा के क्यों डरे ज़माने से,
बाबा जब भुलायेगे मैं जरूर जाउगा,
मुझको कौन रोकेगा उसके दर पे जाने से,
हम है भक्त बाबा के क्यों डरे ज़माने से,
हो गया मैं बाबा का बाबा हो गए मेरे,
मेरे जितने दुशमन थे लग गए ठिकाने से,
हम है भक्त बाबा के क्यों डरे ज़माने से,
बाबा के ही चरणों में ज़िंदगी बिताऊगा,
मेरा घर तो पलटा है काम मेरा चलता है,
बाबा के खजाने से,
हम है भक्त बाबा के क्यों डरे ज़माने से,