क्या कहां मेरे साइयाँ तेरा,
तेरी वेपरवाहिया तेरा क्या कहना मेरे साइयाँ,
तू है अजब फकीर बश्दी बंदो को बादशाहियाँ,
क्या कहां मेरे साइयाँ तेरा,
हर इक बात बाबा रूहानी तेरी,
मैं सबको सुनाऊ कहानी तेरी,
दिये अँधियो से वो बुझते नहीं,
जलाये जिहने मेहरबानी तेरी,
जीकर तेरा हो यहाँ वहा आती नहीं बुराइयां,
क्या कहां मेरे साइयाँ तेरा,
तेरी लग्न में मग्न हो गया,
तो शिरडी सा पावन मन हो गया,
तेरी रेहमतो का करिश्मा है ये,
मैं पत्थर था सच्चा रत्न हो गया,
संग मेरे हर दम चलती है साई तेरी ये परछाइयां,
क्या कहां मेरे साइयाँ तेरा,