जय जय जय साईं राम, जय जय जय साईं श्याम ।
ले श्रीसाईं का नाम रे रोज सुबह और शाम,
कितने ही भाव से तर गए ले साईं का नाम।
जय जय साईं राम...
साईं के दर पे जाईए तज माया अभिमान,
ज्यो ज्यो पग आगे धरे कोटि को यज्ञ सामान।
जय जय साईं ...
आज भी तेरा आसरा कल भी तुजसे आस,
घडी घड़ी तेरा आसरा पुजू बारम्बार।
जय जय...
कम क्रोध मद लोभ में भरम रयो संसार,
सरन गया जो साईं की सुख सम्पति संचार।
जय जय...
मेरे शिर्डी साईं का है सांचा दरवार,
सच्चे दिल से जो भजे उसका बेडा पर।
जय जय...
साईं पे विशवास जिन को साईं से जिन को आस,
क्या डरे आंधी तुफा से इनका जिनपे हाथ।
जय जय...
हम ने तुम को सोप दी नैया की पतवार,
चाहे रख मजधार में चाहे करदे पार।
जय जय...
साईं तू संजीवनी कर दुखो का अंत,
पतझड़ की ऋतू रोक के ला दो मधुर बसंत।
जय जय...
शक्ति का भंडार तू जीव हम कमजोर,
डगमग पग ये डोलते थामे रखियो डोर।
जय जय...
सब के मालिक साईं है जग के पालन हर,
बसा रहे इन नयन में साचा तेरा द्वार।
जय जय साईं राम...
(गायक अवं रचयता -- अनिल लाटा - कोल्कता)