तेरी राहो में पलके बिछाऊ के घर मेरे आओ साईं जी
हाल दिल वाला गा के मैं सुनाऊ के घर मेरे आओ साईं जी
कल कल कर के साल क्यों बिताए साईं
झोपडी मे मेरे कभी पैर क्यों न ढाले साईं
रोज आस लेके दीवा मैं जगाऊ
के घर मेरे आओ साईं जी
मेरे इन नसीबो वाले बंद बूहे खोल दे
आके मेरे पास कभी दुःख सुख फोल दे
दर आके मैं दुखड़ा सुनावा,
के घर मेरे आओ साईं जी