सफर हसीन है मंजिल का इंतज़ार करो,
सिला मिले न मिले तुम उसी से प्यार करो,
तुम्हारे साथ है साई तो फ़िक्र क्या होगी,
हर विपदा की किसी दिन इंतहा होगी,
लगन तो एक ही इबादत है बार बार करो,
सफर हसीन है मंजिल का इंतज़ार करो,
तुम्हारे नाव लगाएगा वो किनारे से,
वोही हटाये गा तूफ़ान को इक इशारे से,
तुम्हे है उस पे भरोसा तो एतवार करो,
सफर हसीन है मंजिल का इंतज़ार करो,
दिखाई देती है सुबह नए उजालो की,
सजी सजाई है दुल्हन मेरे खयालो की,
अब उठने वाली है ढोली उठो कहार करो,
सफर हसीन है मंजिल का इंतज़ार करो,