चली रे चली रे चली चावड़ी की और चली साई की पालकी,
बोलो जय जय साई नाथ की,
दिन गुरूवार है गाओ रे वधाई कंधो पे पालकी लेके बोलो साई,
शिरडी की गली गली चली साई की टोली,
साई की पालकी,
बोलो जय जय साई नाथ की,
पानी से दीप जलाये मेरे बाबा साई,
चम चम चमके द्वारका माई,
साई संग होली खेले ले रंगोली,
साई की पालकी,
बोलो जय जय साई नाथ की,