साई ने यहाँ यहाँ भी ज्योत जगाई है,
काली काली रात में भी रोशनी सी आई है,
आखियो को खोल जरा ज्ञान के उजाले में,
रख विश्वाश पूरा जागरखवाले में,
साई रखवाला तेरा साई ही सचाई है,
साई धन ही तो तेरी असली कमाई है,
साई ने यहाँ यहाँ भी ज्योत जगाई है,
द्वार द्वार भटके गा दुःख बढ़ जायेगा,
एक दर पकड़े गा नशा चढ़ जायेगा,
कितनी ही बार ये बात समझाई है,
साई के सिवाए हर चीज पराई है,
साई ने यहाँ यहाँ भी ज्योत जगाई है,
साई और देख अपनी दुनिया सवार ले कितना सस्ता सौदा है,
प्यार देके प्यार ले जिस ने भी सच्चे दिल से आस लगाई है,
साई के कर्म ने उसकी आस बंदहि है
साई ने यहाँ यहाँ भी ज्योत जगाई है,
भक्त के भंधनो को बांध पकी डोर से,
अँधिया चलेगी इस सफर में बड़े जोर से,
माना इन रास्तो में डोर कठिनाई है,
लेकिन इन ठोकरों में बड़ी गहराई है,
साई ने यहाँ यहाँ भी ज्योत जगाई है,