वर्षो पाप किये है हमने छुपके चोरी चोरी,
इतने पापो को धोने में वक़्त तो लगता है,
पावन और निर्मल होने में वक़्त तो लगता है,
इतने पापो को धोने में.....
हमने नफरत के पौधों को जीवन में सीचा,
प्रेम के बीज यहाँ बोने में वक़्त तो लगता है,
इतने पापो को धोने में......
एक दो चार नहीं तेरी मांगे मांग हज़ारो है,
इतनी चाहत को पाने में वक़्त तो लगता है,
इतने पापो को धोने में.....
दुनिया के चक्कर में फसा तू मोह के फंदे में,
घर से इस दर तक आने में वक़्त तो लगता है,
इतने पापो को धोने में ....