तर्ज - चलो बुलावा आया है....
मिग्सर का मेला आया है भक्तो को बुलाया है,
हो...दिल्ली रोहिणी में बाबोसा ने ये दरबार लगाया है,
मिग्सर का मेला आया है......
बाबोसा का आया बुलावा, अपने भक्तो के नाम है,
मिग्सर की पंचमी का मेला, श्री बाबोसा के धाम है,
हो....
एक साल के बाद ये मौका, आँगन हमारे आया है,
मिग्सर का मेला आया है......
मिंग्सर के मेले जो आते, किस्मत वाले होते है,
मन की मुरादे पूरी होती, खेल निराले होते है,
श्री बाबोसा के द्वार से भक्तो, ये सन्देसा आया है,
मिग्सर का मेला आया है......
अभिषेक होगा बाबोसा का, सजेगा बाबोसा का दरबार प्यारा,
मंजू बाईसा बैठेगी ज्योत पर, होगा वो एक दिव्य नजारा,
हो...
दिलबर बाबोसा के भजनो में, झूमने का मौका आया है,
मिग्सर का मेला आया है......