ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे यह मनवा के वेहवार तेरे,
ये जीवन के आधार तेरे,
सब जेवो में उस मालिक ने क्यों तुझको सरेष्ठ बनाया है,
तुम भला बुरा पहचान सको ये गुण भी तुझमे समाया है,
भव सिंधु में तेरी नैया के सतकर्म सदा पतवार बने,
ये जीवन के आधार तेरे,
ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे.....
ये सोच समज ये भावुक काम पशुयो को प्रभु ने क्यों न दी,
ये दया धर्म धीरज ज्योति तुझमे ही भला काहे भर दी,
तेरे अंदर ये गुण तेरे सद ज्ञान का ही संचार करे,
ये जीवन के आधार तेरे,
ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे.....
बस यही अर्ज तुमसे मेरी शुभ कर्म सदा करते रहना,
दीनो की सदा सेवा करना सत के पख पे चलते रहना,
ये हर्ष तुझे तेरे कर्मो से आखिर एक दिन करतार मिले,
ये जीवन के आधार तेरे,
ये कर्म तेरे ये कर्म तेरे.....