दिल से जो निकली सदा येही आई,
होठ खुले तो बोलू मैं साई साई,
भोर बाई है देखो पंछी भी जागे उड़ उड़ के तेरे दर पे है भागे,
पवन के झोके बजाये शहनाई,
होठ खुले तो बोलो मैं साई साई,
साई राम साई राम साई राम ...
साई श्याम साई श्याम साई श्याम....
तेरा नगर है साई सबसे निराला,
बरसता है पल पल उसकी का उजाला.
गली गली इठलाके चले पर्वाही,
होठ खुले तो बोलो मैं साई साई,
साई राम साई राम साई राम ...
साई श्याम साई श्याम साई श्याम....
यहाँ जो भी ए बाबा तेरा हो जाये,
तेरे दर पे आके सुध बुध विसराये,
तेरे नाम के सिवा कुछ न दे सुनाई,
होठ खुले तो बोलो मैं साई साई,
साई राम साई राम साई राम ...
साई श्याम साई श्याम साई श्याम....