शरधा सबुरी अपने है मन में वसाये हम

साई शरण में आये हम बड़ी आस लगाये हम,
शरधा सबुरी अपने है मन में वसाये हम,
साई शरण में आये हम बड़ी आस लगाये हम,

सुन कर तेरी महिमा पड़ कर तेरी गाथा,
तेरे द्वार चले आये हम है साई नाथा ,
कहते है दुनिया का दातार यहाँ रहता,
भक्तो से भरा तेरा दरबार याहा रहता,
कर ने दर्शन शिरडी के दमान फैलाये हम,
शरधा सबुरी अपने है मन में वसाये हम,

जो आये तेरे दर पे वो लौट यही बोले,
साई नाथ बंदो के हर बंधन है खोले,
बिगड़े हुए सारे काम बना देता,
भव सागर से नइयाँ है पार लगा देता ,
उम्मीद यही अपने है मन में लाये हम,
शरधा सबुरी अपने है मन में वसाये हम,

हे साई तेरी पूजा हम करे सदा सेवा,
तेरे ध्यान में जीवन की हो शाम सदा देवा,
हम पर तो करुणा की है धार बहा देना,
पापो को हमारे सब धुनि में जला देना,
फरयादी यही लेकर तेरे दर पर आये है,
शरधा सबुरी अपने है मन में वसाये हम,
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