गैरों की तरह हम से नजरे न चुरा साईं,
अपनों की तरह हमको सीने से लगा साईं,
गैरों की तरह हम से नजरे न चुरा साईं,
विश्वाश यही दिल में दिन रात पनपता है,
दुनिया के हर इक दुःख की इक तू है दवा साईं,
गैरों की तरह हम से नजरे न चुरा साईं,
तकदीर के मारो की तकदीर बदल ता तू,
आँखों से भी देखा है नही सिर्फ सुना साईं,
गैरों की तरह हम से नजरे न चुरा साईं,
दुनिया में कही हमको आया है न आएगा,
आनदं जो चरणों में तेरे है मिला साईं,
गैरों की तरह हम से नजरे न चुरा साईं,
हाथो में तेरे देदी हमने जीवन डोरी,
अब मर्जी है तेरी जैसे भी नचा साईं,
गैरों की तरह हम से नजरे न चुरा साईं,
सब दुखियां मन पे खुशियों की मोहर लगे,
साहिल ने आज यही मांगी है दुआ साईं,
गैरों की तरह हम से नजरे न चुरा साईं,