तुम से मिल कर यार कन्हियाँ ख़ुशी हुई भारी,
लो कहे सुदामा श्याम तेरी यारी पे बलहारी,
तुम से मिल कर यार कन्हियाँ ख़ुशी हुई भारी,
गोकुल की वो याद मुझे तड़पाती थी,
सारी सारी रात नींद नहीं आती थी,
तुझसे मिल कर खिल गई मन की फुलवाड़ी,
लो कहे सुदामा श्याम तेरी यारी पे बलहारी,
तुम से मिलने बड़ी दूर से आया मैं,
कर के दर्शन फुलेया नहीं समाया मैं,
यारो का है यार सांवरिया गिरधारी,
लो कहे सुदामा श्याम तेरी यारी पे बलहारी,
तेरे जैसा और कोई दिलदार नहीं,
भीम साइन मैं भूलू श्याम का प्यार नहीं,
देख लई मतलब की ये दुनिया दारी ,
लो कहे सुदामा श्याम तेरी यारी पे बलहारी,