हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है

हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
मेरे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
मुस्कान तेरी कान्हा दिल में बस जाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

सोने की होने पर क्या होता है केशव,
ये बांस की होने पर मीठी धुन सुनाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

गोर जो होते तो क्या होता है मोहन,
सावल होने पर भी छवि मन बस जाती है,
मेरे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

जीवन में दर्द सेहना बंसी ने सिखाया है,
सीने पर छेद फिर भी मुश्कान लुटाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,

गीता का ज्ञान कृष्णा तुमने ही सिखाया है,
कर्म करने की ये सीख दुनिया को चलाती है,
हे श्याम तेरी बंसी क्या रस बरसाती है,
श्रेणी
download bhajan lyrics (1051 downloads)