हमें भी न पाओगे तुम नही आओगे,
बोलो न श्याम मेरे तुम कब आओ गे
जाने से पेहले कर लो आने का वादा
जा कर बदल मत देना अपना इरादा
आने का वाधा कर के बुल तू न जावे
तुम कब आओ गे
हम को भी साथ लेले ओ जाने वाले
सब कुछ किया है हम ने तेरे हवाले
हम भी चलेगे साथ यहाँ यहाँ जाओगे
तुम कब आओ गे
सुना सुना ब्रिज लागे गोकुल का धाम रे
यमुना का तट सुना कदम की छाव रे,
वृंदावन में आके कब बांसुरी बजाओ गे
तुम कब आओ गे