जब से पकड़ा है दामन काम होने लगा है हमारा,
रेहमत मिली साई तेरी लगता है कैसा नजारा ,
साई राम साई राम,
खुशियां ही मिल रही है बेहतरी हो रही है,
बात जो ना कही तुमसे पूरी वो बात हो रही है,
साई मेरे दाता खुशियों को किया इशारा,
जैसे मेरे साई जग को किया उजिहारा,
साई राम साई राम,
तेरा कर्म मेहरबानी बदली मेरी ज़िंदगानी,
कैसे मैं भूलू मालिक रहमो कर्म की कहानी,
कैसे जमी से उठा के आसमा का बनाया सितारा,
शरधा और सबुरी का ज्ञान हमे करवाया,
साई राम साई राम,
चरणों की मिटी को पाकर,
बन गया मन मेरा चाकर,
तेरी सूरत बसी दिल में देखु जब नज़रे झुका कर,
नज़रे इनायक तेरी हो गई अब तो मुझपर,
तेरे दर से झोली ले जाऊ गई भर कर,
साई राम साई राम,