ऐसा करू गुनाह मुकदमा सांवरिया तेरे पास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊ चरणों में कारा वास हो,
तेरे प्यार की हाथ कड़ियों में जकड़ तेरे घर पे आउ,
मन ही मन में ख़ुशी मनाता तनक नहीं मैं गबराहु,
जो तू करे फैसला उस पर पूरा मुझे विश्वाश हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊ चरणों में कारा वास हो,
ना कोई करे वकालत मेरी ना ही कोई सफाई हो,
कभी नहीं तेरे चरणों से मेरे श्याम रीहाई हो,
तेरे चरण में उम्र कैद की छोटी सी अरदास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊ चरणों में कारा वास हो,
मेरे उस अपराध के सारे जग में गूंज सुनाई दे,
मैं भी अपराधी बन जाऊ हर इक प्रेम दुहाई दे,
मेरे उस अपराध में बाबा तेरे मिलन की प्यास हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊ चरणों में कारा वास हो,
इश्क़ करे जो इस दुनिया में वो मुजरिम कहलाता है,
दुनिया को दीवाना तेरा खुले आम बतलाता है,
भगतो ऐसी गवाही करना रोमी की पूरी आस हो,
मैं तेरा मुजरिम कहलाऊ चरणों में कारा वास हो,