आये बाबा श्याम शरण में तुम्हारी.
देखो इस और खबर लो हमारी,
कोई भल हीन दीन हाथ जो पसारे,
सौंप देता उसे सुख दुनिया के सारे,
खाली नहीं लौटा तेरे दर का भिखारी,
आये बाबा श्याम शरण में तुम्हारी.
बदली है कितनी ही फूटी तकदीरे,
तोड़ डाली दुःख ने जो बाँधी जंजीरे,
तेरे उपकारों पे जाओ बलिहारी,
आये बाबा श्याम शरण में तुम्हारी.
भगतो को कभी दुःख पाने नहीं देता,
आन बाण शान कभी जाने नहीं देता,
इतना भरोसा हमे तेरा है मुरारी,
आये बाबा श्याम शरण में तुम्हारी.
बड़ा सुख चैन मिले तेरे दर्शन से,
अवगुण सारे ही निकल गए मन से,
गजे सिंह श्याम शवि ऐसी हितकारी,
आये बाबा श्याम शरण में तुम्हारी.