श्याम धनी थारे दर पर आवे नर और नार,
दुनिया कहती है ये हारे का सरकार॥
रोज नया नया शृंगार सजाये,
रंग बिरंगा थारे बाग पहराये,
जो भी थारे दर पर जावे एक बार,
दुनिया कहती है......
श्याम के दर पर जो भी आये,
श्याम कुंड में नीत ही नहाये,
बाबा के दर्शन से होगा उपकार,
दुनिया कहती है......
जिस दिन से लागी प्रीत है तुम्हारी,
उस दिन से जागी किस्मत माहरी,
‘सचिन’ ये कहता बाबा तुम बिन,
दुनिया है बेकार,
दुनिया कहती है ये हारे का सरकार.......