किस्मत का खोल देती ताला है,
दीदी का खेल ही निराला है,
बरसाना धाम बड़ा प्यारा है,
सच्ची अदालत देखो श्यामा सरकार की,
जिसने भी जाके सच्चे मन से पुकार की,
सच्चे को हर पल इसने तारा है,
दीदी का खेल ही निराला है,
बरसाना धाम बड़ा प्यारा है,
देख तू एक बार यहाँ होता कमाल है,
निर्धन को क्र देती पल में माला माल है,
राशिको की तुहि पालनहारा है,
दीदी का खेल ही निराला है,
बरसाना धाम बड़ा प्यारा है,
जिसने लगाई अर्जी राधे दरबार में,
खुशियों की बारिश होगी उनके परिवार में,
रोमी पारस को भी संभाला है,
दीदी का खेल ही निराला है,
बरसाना धाम बड़ा प्यारा है,