देता है सभको श्याम किसे से वैर नहीं है,
मेरे श्याम के दर देर है अन्धेर नहीं है,
लेता है ये परीक्षा जब तक है इसकी इशा,
गबराता है क्यों प्यारे काल छोड़ देगा पीछा,
सांचा निभाए प्रेम हेर फेर नही है,
मेरे श्याम के दर देर है अन्धेर नहीं है.....
ना कोई पाठ पूजा मानव धर्म निभाओ,
गिरते को तुम सम्बलो जोत प्रेम की जलाओ,
रहमत की होगी वर्षा फिर तो देर नही है,
मेरे श्याम के दर देर है अन्धेर नहीं है........
रखता दया की द्रिष्टि मेरा हारे का सहारा,
मा सावाय्म पराजित है यही इसका नारा,
हमदर्द सांवरिया ये कोई गैर नही है,
मेरे श्याम के दर देर है अन्धेर नहीं है.....