इक तेरा सहारा मिल जाये राधे,
दुनिया की परवाह नहीं करता,
इक तेरी रेहमत के सजते मेरा ये परिवार है चलता,
सुख के सब हो संगी साथी दुःख में दुनिया काम न आती,
अपनों ने ठुकराया जब जब आँखे है मेरी भर आती,
वे मतलब की रिश्ते दारी,
कोई भी ना हाथ पकड़ ता,
इक तेरा सहारा मिल जाये राधे,
कोर किरपा की करदो श्यामा हर गम भी गवारा हो जाये,
तेरा हु तेरा ही रहु गा चाहे सबसे किनारा हो जाये,
इस जीवन की श्याम हो ब्रिज में इतनी सी अभिलाष मैं करता,
इक तेरा सहारा मिल जाये राधे,
तुम हो पति तत पावनी श्यामा मैं पातक अभिमानी हु,
भला बुरा मैं काशू न जानू मैं मूरख अज्ञानी हु,
पागल हो कर ब्रिज गलियां में निष् दिन श्यामा श्याम मैं रट्टा,
इक तेरा सहारा मिल जाये राधे,
अपनों से बढ़ कर वो अपने तुमसे जिनका नाता है,
ऐसी राशिको की संगत में दिल गद गद हो जाता है,
विनती सुन लो सरस किशोरी पारस भी तेरा नाम सुमिरता,
इक तेरा सहारा मिल जाये राधे,