तीर चला के नैणा दे मैनु घ्याल कर गया नी,
सखी काली कमली वाला नी मैनु कमली कर गया नी,
भूल गई मैं खाना पीना होश रही न कोई,
छड़ के दुनिया दारी नु मैं उसे दी होइ,
मैनु सुध भुध रही न कोई पता नी की जादू कर गया नहीं,
सखी काली कमली वाला .......
की दसा मुश्कान मैं उसदी की की कारे करदी,
जिस दी एक झलक देखन नु सारी दुनिया मरदी,
ओ बंसी बजा के पता नहीं केहड़े इशारे कर गया नी,
सखी काली कमली वाला ......
सुन नी मेहता भूल के वि तू वृंदावन ना जावी,
मन राधे दा कहना नी तू अपना आप बचावी,
तेरे पल्ले कुछ नहीं रहना जे उस ने वस् विच कर लिया नी,
सखी काली कमली वाला