तीनो लोक गोरी लाल समाये रिद्धि सीधी तेरे गुण गये,
मिट जाये सकल कलेश जी,
गणपति श्री गणेश जी गोरा के लाल गणेश जी,
देवी देव तेरा करते वंदन सब से पहले तुम को निर्मरतन,
जो भी इनका नाम सिमर ता लिखता उसके लेख जी,
गणपति श्री गणेश जी गोरा के लाल गणेश जी,
मूसे की ये सवारी करते सब के दुखड़े आप है हरते,
माता पार्वती है इनकी पिता है जिनके महेश जी,
गणपति श्री गणेश जी गोरा के लाल गणेश जी,
पान सुपारी फूल चढ़ाये लड्डुओं का तुम्हे भोग लगाए,
अभिशेस्कः करे तुम्हे को मनाये ब्रह्मा विष्णु महीश जी,
गणपति श्री गणेश जी गोरा के लाल गणेश जी,