हु मैं पागल दीवाना जले चाहे ये ज़माना,
मेरी श्याम से यारी मैं भुला दुनिया दारी,
मेरे रोम रोम में सांवरिया के नाम है लिखा,
लिखा लिखा पग पग पे खाटू धाम है लिखा,
मैं तो जय बाबा की बोलू खाटू की गलियों में,
आलू सिंह जी की चरणों में श्याम बगीची जेक सोलु,
मेरी हाथो की लकीरो में भी श्याम है लिखा,
लिखा लिखा पग पग पे खाटू धाम है लिखा
हो मैंने बाँधी बाँधी डोर जबसे बाँधी प्रेम की डोर,
बाबा ने है प्यार निभाया देदी मुझको शीतल शाया,
क्या मांगू और सुख ये तमाम लिखा,
लिखा लिखा पग पग पे खाटू धाम है लिखा
हो मेरी हो गई चाँदी चाँदी क्या करना बन के फरयादी,
मेरे दिल का चमन खिला ऐसा मालिक मुझे मिला,
संजय की हो गई चाँदी चाँदी क्या करना बन के फरयादी,
.मेरे दिल का चमन खिला ऐसा मालिक मुझे मिला,
सच्चे प्रेम का चोखानी ये अंजाम है लिखा,
लिखा लिखा पग पग पे खाटू धाम है लिखा,